सर्वदर्शन विभाग द्वारा आयोजित एकादश दिवसात्मक सर्वदर्शनसङ्ग्रह ग्रन्थ स्वाध्याय राष्ट्रीय कार्यशाला एवं संगोष्ठी

  • श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के दर्शनशास्त्रपीठ के अन्तर्गत सर्वदर्शन विभाग द्वारा २१ नवम्बर से ०१ दिसम्बर तक माधवाचार्य विरचित सर्वदर्शनसङ्ग्रह ग्रन्थ पर आयोजित एकादश दिवसात्मक राष्ट्रीय स्वाध्याय कार्यशाला एवं सङ्गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें ऑनलाइन माध्यम से २४४ प्रतिभागियों द्वारा पंजीकरण हुआ था। कार्यशाला में १९ राज्यों के ७७ से अधिक संस्थाओं से शोधच्छात्र, सहायक आचार्य, सहाचार्य, आचार्य, प्रिंसिपल आदि प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला मेंप्रतिदिन ११:००-०१:०० तक प्रथम सत्र एवं ०२:००-०५:०० तक द्वितीय सत्र का संचालन हुआ। २१ नवम्बर को प्रातः ११:०० बजे कार्यशाला का उद्घाटन सत्र सम्पन्न हुआ जिसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान केन्द्र के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो.श्रीधर द्विवेदी जी मुख्यातिथि रहे तथा सत्र के अध्यक्ष योग विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष प्रो.महेश प्रसाद सिलोड़ी जी रहे।कार्यशाला में देश के प्रतिष्ठित बाह्य विद्वान् प्रो.श्रीयांश सिङ्घई (जैनविभागीय आचार्य, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर परिसर), प्रो.धर्मदत्त चतुर्वेदी (संस्कृत विभागाध्यक्ष, केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, वाराणसी), प्रो. ओमनाथ विमली (संस्कृत विभागाध्यक्ष, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली) डॉ.महेश शर्मा (आचार्य, दर्शन विभाग, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान) तथा आन्तरिक विद्वान् प्रो.प्रभाकर प्रसाद (अध्यक्ष, सर्वदर्शन विभाग), प्रो.विष्णुपद महापात्र (आचार्य, न्याय विभाग) डॉ.रामचन्द्र शर्मा (आचार्य, न्याय विभाग) एवं डॉ.दयाल सिंह पंवार (आचार्य, व्याकरण विभाग) द्वारा ग्रन्थ के भिन्न-भिन्न प्रकरणों का अध्यापन कराया गया। संगोष्ठी में प्रतिभागियों द्वारा अध्यापित विषय पर शोधपत्र भी प्रस्तुत किया गया। सर्वदर्शन विभाग के अध्यक्ष प्रो.प्रभाकर प्रसाद एवं वरिष्ठाचार्या प्रो.संगीता खन्ना के कुशल निर्देशन में कार्यशाला के संयोजक प्रो.जवाहरलाल, आचार्य सर्वदर्शन विभाग एवं सहसंयोजक डॉ.विजय गुप्ता, सहायक आचार्य, सर्वदर्शन विभाग द्वारा कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।