श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्विद्यालय की स्थापना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैः-
- शास्त्रीय परम्परा को सुरक्षित बनाए रखना।
- संस्कृत में निबद्ध विभिन्न शास्त्रों का अनुवाद कार्य करना।
- आधुनिक परिप्रेक्ष्य में समस्याओं के समाधान के लिए संस्कृत भाषा में विरचित प्राचीन शास्त्रों का औचित्य स्थापित करना।
- अध्यापकों के लिए आधुनिक एवं शास्त्रीय ज्ञान में गहन अध्ययनार्थ साधन उपलब्ध कराना।
- सम्बद्ध सभी क्षेत्रों में प्रवीणता प्राप्त करना, जिससे विश्विद्यालय अपना विशिष्ट स्थान बना सके।
- उपर्युक्त उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु प्रयास करते हुए विश्विद्यालय अधोनिर्दिष्ट क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रहा हैः-
- पारम्परिक संस्कृत वांग्मय की अतिविशिष्ट शाखाओं के ज्ञान का प्रचार-प्रसार।
- संस्कृत के अध्यापकों के प्रशिक्षणार्थ साधनों का सुलभिकरण और संस्कृत शिक्षा से सम्बद्ध प्रासंगिक पक्षों पर शोध।
- संस्कृत अध्यापन से सम्बन्धित एशिया की विभिन्न भाषाओं एवं साहित्य के गहन अध्ययन एवं गवेषणार्थ सुविधाओं का सुलभिकरण जिनमे पाली, इरानी, तिब्बती, मंगोली, चीनी, जापानी आदि भाषाएं एवं साहित्य प्रमुख हैं।
- अध्ययन-अध्यापन हेतु विभिन्न विषयों के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण, भारतीय संस्कृति और मूल्यों पर विशेष ध्यान रखना तथा संस्कृत और संबद्ध विषयों में परीक्षाओं का संचालन।
- संस्कृत के मौलिक ग्रन्थों, टीकाओं का अनुवाद। उनसे सम्बद्ध साहित्य का प्रकाशन, प्रकाशित एवं अप्रकाशित सामग्री का संवर्धन।
- शोध-पत्रिका (रिसर्च जर्नल) एवं शोधोपयोगी अनुसन्धान-प्रपत्रों, विषय सूची और ग्रन्थ-सूची आदि का प्रकाशन।
- पाण्डुलिपियों का संकलन, संरक्षण एवं प्रकाशन, राष्ट्रीय संस्कृत पुस्तकालय और संग्रहालय का निर्माण। संस्कृत पाण्डुलिपियों में प्रयुक्त लिपियों के प्रशिक्षण का प्रबन्धन।
- में आधुनिक तकनीकी साहित्य के साथ मौलिक संस्कृत ग्रन्थों के सार्थक निर्वचनों की दृष्टि से आधुनिक विषयों में शिक्षणार्थ साधनों की प्रस्तुति।
- पारस्परिक ज्ञानवर्धन के लिए आधुनिक एवं परम्परागत विद्वानों के मध्य अन्तःक्रिया का संवर्धन।
- शास्त्र-परिषदों, संगोष्ठियों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं आदि का आयोजन।
- शिक्षण संस्थानों की उपाधियों, प्रमाण-पत्रीय पाठ्यक्रमों को विश्विद्यालय की उपाधियों के समकक्ष मान्यता।
- विभागों एवं संकायों की स्थापना और विश्विद्यालय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक मण्डलों एवं समितियों का गठन।
- नियमों के अन्तर्गत छात्रवृत्तियों, अध्येतावृत्तियों, पुरस्कारों व पदकों का संस्थापन एवं वितरण।
- विश्विद्यालय के उद्देश्यों से पूरी तरह या अंशतः समान उद्देश्य वाले संगठनो, समितियों या संस्थानों का सहयोग एवं उनकी सदस्यता तथा उनसे सहभागिता।
- विश्विद्यालय के किसी एक या समस्त उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रासंगिक, आवश्यक या सहायक कार्य-कलापों का सम्पादन।