छात्रावास

छात्रावास

श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्विद्यालय(मानित विश्वविद्यालय) अखिल भारतीय स्तर की शिक्षण-संस्था है। इसमें अधययन करने हेतु देश के सभी भागों के छात्र आते हैं। अतः छात्रवास का संचालन विद्यापीठ की एक महत्त्वपूर्ण गतिविधि है। इसके उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  1. देश के सुदूर क्षेत्रों से तथा विदेश से आकर विश्विद्यालय में नियमित छात्र के रूप में अध्ययन करने वाले छात्रों को आवास, भोजन आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराना।
  2. छात्रवास में रहकर भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत जीवन व्यतीत करने का अवसर उपलब्धा कराना।
  3. विभिन्न प्रदेशों से आए हुए छात्रों को भेदभाव को भूल कर परस्पर मिल कर रहने का अवसर प्रदान कराना तथा राष्ट्रिय-भावना का विकास कराना।
  4. छात्रों को अपने कार्यों की स्वयं व्यवस्था करने का प्रशिक्षण देना।
  5. सामूहिक जीवनयापन का अभ्यास कराना।
  6. उत्तरदायित्व वहन करने की क्षमता का विकास कराना।

छात्रवास प्रवेश-अर्हता

विश्विद्यालय में वैधानिक रूप से प्रविष्ट छात्रों को छात्रावास प्रबन्ध-समिति द्वारा निर्धारित योग्यतानुसार छात्रावास में स्थान दिया जायेगा।

    • पारम्परिक पद्धति से संस्कृत पढ़े हुए मेधावी छात्रों को छात्रावास-प्रवेश में वरीयता दी जाएगी।
    • शास्त्री, आचार्य, शिक्षाशास्त्री एवं शिक्षाचार्य कक्षाओं में प्रवेश प्राप्त तथा शोधाकार्य के लिए विश्विद्यालय में पंजीकृत छात्र यथा-सम्भव वरीयता क्रम से स्थान पाने के अधिाकारी होंगे।
    • शास्त्री प्रथम, आचार्य प्रथम तथा शिक्षाशास्त्री व शिक्षाचार्य के छात्रें को छात्रवास आवंटन वरीयता क्रम (मेरिट लिस्ट) के आधार पर किया जायेगा। शास्त्री प्रथम वर्ष, आचार्य प्रथम वर्ष कक्षा, जिन छात्रें को प्रवेश समिति द्वारा छात्रवास प्राप्त होगा उनके परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर क्रमशः शास्त्री द्वितीय वर्ष, शास्त्री तृतीय वर्ष तथा आचार्य द्वितीय वर्ष में किसी भी प्रकार की शिकायत न होने पर पुनः छात्रवासीय व्यवस्था प्रदान की जा सकेगी। (इसके लिये आवेदन-पत्र कार्यालय में देना अपेक्षित होगा।)
    • एक विषय में आचार्य और शिक्षाशास्त्री उत्तीर्ण कर चुके हैं और दूसरे विषय में आचार्य कर रहे हैं या जो दो विषयों में आचार्य कर चुके हैं और तीसरे विषय में आचार्य कर रहे हैं उन्हें छात्रवास में स्थान नहीं दिया जायेगा।
    • कोई छात्र केवल इसलिए छात्रवास में स्थान प्राप्त करने का अधिाकारी नहीं होगा कि उसने पूर्व वर्ष में स्थान प्राप्त किया था। अपितु प्रतिवर्ष पुराने छात्र को भी वही प्रक्रिया करनी होगी, जो विद्यापीठ में प्रवेश लेने वाले नवीन छात्र को छात्रवास में स्थान प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। अर्थात् कार्यालयीय सूचनानुसार निर्धाारित तिथि तक आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना, उत्तीर्ण परीक्षा का प्रमाण प्रस्तुत करना तथा प्रवेश समिति के समक्ष साक्षात्कार हेतु उपस्थित होना होगा।
    • विश्विद्यालय के अतिरिक्त अन्य संस्था में अधययनार्थ प्रवेश लेगा (भले ही निष्क्रमण प्रमाण-पत्र अपेक्षित न हो) वह छात्रवास से पृथक् कर दिया जायेगा।
    • किसी अन्य संस्था में नियमित अधययन करता हुआ प्रमाणित होगा या व्यक्तिगत रूप से किसी अन्य संस्था की परीक्षा में प्रविष्ट होगा या कहीं नियमित अथवा अंशकालीन नौकरी करता पाया जाएगा तो उसे छात्रवास से हटा दिया जायेगा और उसका प्रवेश भी निरस्त कर दिया जायेगा।
    • छात्रों को तथा जिनके माता-पिता अथवा निकट सम्बन्धी दिल्ली में रहते हैं, उनको छात्रावास में स्थान नहीं दिया जाएगा।
    • होने वाले छात्रों को छात्रावास मे स्थान नहीं दिया जाएगा।
    • छात्रों को ही छात्रावास में प्रवेश दिया जायेगा। विद्यावारिधि उपाधि के लिए शोध-प्रबन्ध प्रस्तुत करने अथवा पंजीकरण से दो वर्ष की अवधि के पश्चात् छात्रावास में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
    • विद्यावारिधि के छात्रों को छात्रावास में स्थान रिक्त रहने पर विषयानुसार छात्रावास आवण्टन किया जाएगा।
  1. प्रवेश के लिए निर्धारित प्रपत्र निश्चित दिनांक तक पूर्ण कर कार्यालय मे जमा करना अनिवार्य होगा। प्रवेश-पत्रा के साथ ही निर्धारित प्रतिज्ञा-पत्रा भर कर देना होगा। निश्चित तिथि के बाद आये हुए आवेदन-पत्रों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।
  2. छात्रावास प्रवेश स्वीकृत होने पर ही छात्रा छात्रावास में प्रवेश के अधिकारी होंगे। प्रवेश-स्वीकृति के अभाव में छात्रा को छात्रावास में नहीं आने दिया जायेगा। यदि छात्रा प्रवेश के लिए आदेश पत्रा प्राप्त किये बिना ही छात्रावास में प्रवेश करेगा तो उस छात्रा को विश्विद्यालय में भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा और यदि प्रविष्ट है तो उसका प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा।
  3. प्रवेश के विषय में छात्रावास प्रबन्ध समिति का निर्णय अन्तिम होगा। समिति के लिये प्रवेश नहीं देने का कारण बताना आवश्यक नहीं होगा।
  4. छात्रावास मे प्रवेश के बाद छात्र किसी भी परिस्थिति में छात्रावास के किसी भी कक्ष में भोजन नहीं बनाएगा। यदि कोई छात्र इस नियम का उल्लंघन करेगा तो उस छात्र को तत्काल छात्रावास से निकाल दिया जायेगा।
  5. छात्रावास में प्रवेशार्थ छात्रा को निम्नांकित शुल्क देना अनिवार्य होगा-

    छात्रावास के कक्षों के वार्षिक शुल्क निम्नलिखित होंगे-

    त्रिस्थानीय द्विस्थानीय एकस्थानीय
    छात्रावास प्रवेश शुल्क 50/- 50/- 50/-
    छात्रावास प्रबन्ध व्यय 500/- 500/- 500/-
    स्थान किराया 500/- 750/- 1000/-
    बिजली पानी व्यय 300/- 350/- 400/-
    परिचय-पत्र 50/- 50/- 50/-
    सुरक्षित धन 1000/- 1000/- 1000/-
    कुल योग 2400/- 2700/- 3000/-