केन्द्रस्य परिचयः

मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (MMTTC)

श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय), नई दिल्ली के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र - एम.एम.टी.टी.सी. (पूर्व में शिक्षण शिक्षण केंद्र – टी.एल.सी.) की स्थापना 2023 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा संकाय सदस्यों में एन.ई.पी. 2020 के अनुरूप बेहतर शिक्षण, अधिगम एवं अनुसंधान हेतु कौशल तथा दक्षताओ का विकास करना है। उच्च शिक्षा के सभी स्तरों पर संकाय क्षमता संवर्द्धन, शिक्षा में गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, जिसे यू.जी.सी. के एच.आर.डी.सी. एवं पण्डित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण (PMMMNMTT) योजना, भारत सरकार के अन्तर्गत संचालित विभिन्न केंद्रों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से अच्छी तरह से संचालित किया जाता रहा है। भौतिक, मानवीय एवं वित्तीय संसाधनों के इष्टतम प्रयोग की दृष्टि से शिक्षा मंत्रालय द्वारा यू.जी.सी. के एच.आर.डी.सी. एवं पण्डित मदन मोहन मालवीय राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण (PMMMNMTT) योजना के तहत स्थापित केन्द्रों के मध्य तालमेल एवं एकीकरण को ठोस आधार प्रदान करने तथा एन.ई.पी. 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सम्पूर्ण शिक्षक क्षमता संवर्द्धन प्रयास को मालवीय मिशन के नाम से लोकप्रिय बनाने का निर्णय मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (MMTTP) के माध्यम से लिया गया जिसका उद्घाटन माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान द्वारा दिनांक 5 सितम्बर 2023 को किया गया। इस मिशन के क्रियान्वयन हेतु 111 उच्च शिक्षा संस्थानों (66 एचआरडीसी और 45 पीएमएमएनएमटीटी) को मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्रों (MMTTCs) के रूप में चिन्हित किया गया जिसमें हमारा विश्वविद्यालय भी एक है और इसका उद्घाटन यू.जी.सी. के माननीय अध्यक्ष प्रो. एम. जगदेश कुमार ने दिनांक 30 अक्टूबर 2023 को किया। प्रत्येक केंद्र को प्रति वर्ष 36 कार्यक्रम आयोजित करने हैं जिन्हें 4 प्रकार के कार्यक्रमों में वर्गीकृत किया गया है यथा- आठ दिवसीय 24-एनईपी अभिमुखीकरण एवं संवेदीकरण कार्यक्रम, एक मासिक 2-एफ.आई.पी., एक सप्ताहिक 5-अल्पकालिक कार्यक्रम तथा द्विसप्ताहिक 5-पुनश्चर्या कार्यक्रम हैं।

2017 में स्थापित हमारे विश्वविद्यालय के शिक्षण अधिगम केन्द्र ने पूर्व में कार्यशाला, संगोष्ठी, सम्मेलन तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के रूप में 60 कार्यक्रमों और नव नियुक्त उच्च शिक्षा संकाय सदस्यों हेतु 04 एक मासिक अनिवार्य संकाय अनुबोधन कार्यक्रमों (एफ.आई.पी.) का सफलतापूर्वक आयोजन किया जिसके द्वारा 7000 से अधिक प्रतिभागी लाभान्वित हुए। केन्द्र ने “स्वयं मंच” के माध्यम से संस्कृत विषय में 03 Annual Refresher Programme in Teaching (ARPIT) कोर्स का निर्माण, संचालन एवं सफलतापूर्वक पूर्ण किया और संस्कृत शिक्षण हेतु 02 संदर्शिकाओं एक उच्च प्राथमिक स्तरीय तथा दूसरी माध्यमिक स्तरीय का भी प्रकाशन किया।

उद्देश्य

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य विषयों में अंतर्दृष्टि प्रदान करना।
  • शिक्षणशास्त्र संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • कोमल एवं व्यावहारिक कौशलों को संवर्द्धित करना।
  • बहु-विषयक एवं आलोचनात्मक चिंतन क्षमताओ का विकास करना।
  • भारतीय ज्ञान प्रणाली से परिचित कराना।
  • स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शोध करना।
  • आई.सी.टी. हस्तक्षेप के साथ परिवर्तनकारी शिक्षणशास्त्र तैयार करने का ज्ञान विकसित करना।